PM मोदी को नाइजीरिया का दूसरा सर्वोच्च सम्मान मिला:बोले- यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों और दोनों देशों के बीच मित्रता को समर्पित

नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’ से नवाजा है। रविवार को नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू ने पीएम मोदी को सम्मानित किया। पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत-नाइजीरिया के रिश्तों को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा- ‘मैं नाइजीरिया के राष्ट्रीय सम्मान के लिए नाइजीरिया सरकार और नाइजीरिया की जनता का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान मैं 140 करोड़ भारतीयों और भारत-नाइजीरिया की गहरी मित्रता को समर्पित करता हूं। यह अवॉर्ड दोनों देशों के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’ प्रधानमंत्री मोदी नाइजीरिया के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का आखिरी दिन है। उन्होंने रविवार सुबह नाइजीरिया के राष्ट्रपति के साथ राष्ट्रपति भवन में बैठक की थी। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, ‘नाइजीरिया में रह रहे 60 हजार से ज्यादा भारतीय दोनों देशों के बीच मजबूत कड़ी हैं। उन्हें संभाल कर रखने और देखभाल करने के लिए मैं नाइजीरिया का धन्यवाद करता हूं।’ सम्मान समारोह में पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें… 1. भारत और नाइजीरिया के संबंध आपसी सहयोग, सद्भाव और आपसी सम्मान पर आधारित है। दो वाइब्रेंट डेमोक्रेसी और डायनेमिक अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हम मिलकर दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिए काम करते रहेंगें। 2. दोनों देशों की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता हमारी पहचान है। नाइजीरिया के रिन्यूड होप एजेंडा और भारत के विकसित भारत 2047 के बीच कई समानताएं हैं। 3. पिछले साल राष्ट्रपति टिनूबू की भारत यात्रा से हमारे संबंधों में नया आयाम जुड़ा है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। अर्थव्यवस्था, ऊर्जा कृषि, सुरक्षा, इंटेल, छोटे और मध्य उद्योग और सांस्कृतिक क्षेत्रों में नई संभावनाओं की पहचान की है। 4. एक करीबी और भरोसेमंद पार्टनर के रूप में नाइजीरिया के लोगों की जरूरत के हिसाब से स्किल डेवलपमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष जोर दिया जाएगा। 5. प्रधानमंत्री ने अफ्रीका में नाइजीरिया की भूमिका को अहम बताया और कहा कि अफ्रीका के साथ करीबी सहयोग भारत की प्राथमिकता रही है। हम नाइजीरिया और अफ्रीका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे। मोदी से पहले एलिजाबेथ को नाइजीरिया का सर्वोच्च सम्मान मिला था
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पीएम मोदी नाइजीरिया का दूसरा सर्वोच्च सम्मान पाने वाले दूसरे विदेशी शख्स हैं। उनसे पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को 1969 में यह सम्मान दिया गया था। यह पीएम मोदी को मिलने वाला 17वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड है। इससे पहले 14 नवंबर को कैरेबियाई देश डोमिनिका ने मोदी को सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ देने की घोषणा की थी। कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए उन्हें सम्मान दिया जाएगा। मोदी को 21-22 नवंबर को गुयाना दौरे पर सम्मानित किया जाएगा। PM को राजधानी अबुजा की चाबी सौंपी गई, ये विश्वास का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार रात पहली बार नाइजीरिया पहुंचे। मोदी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर भारतीय लोगों का जमावड़ा लगा था। हाथ में तिरंगा लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टिनूबू भी अबुजा एयरपोर्ट पर PM मोदी के स्वागत के लिए पहुंचे थे। मंत्री न्येसोम विके ने PM मोदी को अबुजा शहर की चाबी सौंपी। नाइजीरिया में इसे विश्वास और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। मोदी के अबुजा पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। PM मोदी ने नाइजीरिया पहुंचने के बाद मराठी समुदाय से मुलाकात भी की। उन्होंने नाइजीरिया में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई। PM मोदी के स्वागत की 3 तस्वीरें… पीएम मोदी के नाइजीरिया दौरे को अखबारों में प्रमुखता से जगह दी गई… मैप में नाइजीरिया की लोकेशन… भारत के लिए अहम क्यों है नाइजीरिया
तेल और गैस के विशाल भंडार की वजह से नाइजीरिया, अफ्रीका के अहम देशों में से एक है। यह देश भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। अफ्रीका में भारतीय निवेश खासकर ऊर्जा, खनन, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहा है। नाइजीरिया इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) और तेल उत्पादक देशों के संगठन (OPEC) का अहम सदस्य है। ये दोनों संगठन भारत की कूटनीति और आर्थिक नीति के लिए अहम हैं। 66 साल पुराने हैं भारत-नाइजीरिया के रिश्ते
भारत ने आजादी के बाद अफ्रीकी देशों की आजादी का पुरजोर समर्थन किया था। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत नाइजीरिया की आजादी से पहले ही हो गई थी। भारत ने 1958 में नाइजीरिया में डिप्लोमैटिक हाउस की स्थापना की थी। इसके 2 साल बाद नाइजीरिया को आजादी मिली। भारत के पहले PM जवाहरलाल नेहरू ने सितंबर 1962 में नाइजीरिया का दौरा किया था। उनकी इस यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की नींव रखी गई। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। नाइजीरिया की आबादी (23 करोड़), उत्तर प्रदेश (24 करोड़) से कम है, लेकिन यह देश सबसे तेजी से आबादी बढ़ने वाले देशों में शामिल है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक नाइजीरिया की आबादी 40 करोड़ होगी। तब वह भारत, चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। BBC के मुताबिक नाइजीरिया दो भागों में बंटा हुआ है। उत्तरी हिस्सा जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं वहां गरीबी ज्यादा है। दक्षिणी और पूर्वी नाइजीरिया में ईसाई आबादी ज्यादा है। ये इलाका ज्यादा संपन्न है। ईसाइयों के विरोध के बावजूद कई उत्तरी राज्यों ने इस्लामी शरिया कानून को अपनाया है। इस वजह से दोनों समुदाय के बीच विवाद और लड़ाइयां हो चुकी हैं। ……………………………………………….
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