भाजपा-शिवसेना में गृह मंत्रालय को लेकर पेंच फंसा:शिंदे आज शाम तक फैसला लेंगे; मुंबई में कल महायुति की बैठक, CM तय होगा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आए 7 दिन बीत चुके हैं। भाजपा, शिवसेना शिंदे और NCP अजित पवार गुट यानी महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं, लेकिन अब तक नई सरकार की शपथ पर सस्पेंस बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री का पद छोड़ कर डिप्टी CM का पद लेने को तैयार हो गए हैं, लेकिन वे गृह मंत्रालय पर अड़े हुए हैं। 29 नवंबर को एकनाथ शिंदे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मुंबई लौटे और अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर सीधे अपने गांव सातारा निकल गए। सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत बोले… मोदी-शाह के आदेश के बाद भी भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी है कि रिजल्ट के 8 दिन बाद भी नई सरकार पर फैसला नहीं हो पाया है। भाजपा 132 विधायकों के साथ बहुमत के करीब है। महायुति 200 से ऊपर का बहुमत है। कार्यवाहक CM गांव जाकर बैठे हैं। नया CM कौन होगा। सरकार शपथ कब लेगी। किसी के पास जानकारी नहीं है। गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया। पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। इसलिए फड़णवीस किसी भी हालत में गृह मंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी। शिवसेना ने कहा- आज शाम तक बड़ा फैसला लेंगे शिंदे
इस बीच शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। वे आज शाम तक कोई बड़ा फैसला ले लेंगे। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे। शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुआई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी CM बनना चाहिए। 1 दिसंबर को महायुति की बैठक होने के आसार
वहीं, सूत्रों ने बताया कि 1 दिसंबर को महायुति की बैठक होने के आसार हैं। इसके लिए भाजपा के 2 ऑब्जर्वर्स मुंबई आएंगे। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की मीटिंग होगी और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। 27 नवंबर को शिंदे ने कहा था- PM मोदी का हर फैसला स्वीकार 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा
एकनाथ शिंदे ने 27 नवंबर को कहा था, ‘आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।’ 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी
शिंदे ने कहा, ‘जब CM था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।’ 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी
एकनाथ शिंदे बोले, ‘हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।’ 4. हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदी जी का फैसला स्वीकार
शिंदे ने कहा, ‘मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है।’ 5. मोदी-शाह ढाई साल चट्टान की तरह साथ खड़े रहे
उन्होंने कहा, ‘हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। ढाई साल तक दोनों चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहे। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।’ 6. मुझे पद की लालसा नहीं, महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।’ भाजपा मराठा नेताओं पर भी विचार कर रही
माना जा रहा है कि CM चुनने में जातीय गणित की बड़ी भूमिका हो सकती है, क्योंकि 288 सीटों की विधानसभा में मराठा समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में हैं। देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं। ऐसे में भाजपा नेतृत्व CM के लिए कुछ मराठा नेताओं पर भी विचार कर रहा है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो RSS के दबाव बढ़ाने पर फडणवीस के CM बनने की संभावना ज्यादा है। महाराष्ट्र रिजल्ट के 7 दिन बीते, नई सरकार पर सस्पेंस, 5 पॉइंट… 23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं। 25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं। 27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। 28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है। 29 नवंबर: महायुति (भाजपा+शिवसेना शिंदे गुट+NCP अजित पवार) की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा। कांग्रेस नेताओं का चुनाव आयोग को लेटर, 2 बड़ी बातें… —————————————————– महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा की सीटें 105 से बढ़कर 132 हुईं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं। पार्टी का स्ट्राइक रेट 88% रहा। उसने सहयोगी पार्टियों सहित 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं। हालांकि, भाजपा के वोट शेयर में मामूली इजाफा ही हुआ। यह 2019 के वोट शेयर 26.10% से 0.67% बढ़कर 26.77% हो गया। लेकिन इतने से ही भाजपा की 27 सीटें बढ़ गईं।​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…