साउथ कोरिया प्लेन क्रैश मामले में जेजू एयर पर छापेमारी:एयरलाइन्स के चीफ एग्जीक्यूटिव के देश छोड़ने पर बैन; हादसे में 4 दिन बाद भी सुराग नहीं

साउथ कोरियाई पुलिस ने प्लेन क्रैश मामले में गुरुवार को जेजू एयर के ऑफिस और मुआन इंटरनेशलन एयरपोर्ट के ऑपरेटर के ऑफिस में छापेमारी की। पुलिस ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि जांच जारी रहने तक जेजू एयर के चीफ एग्जीक्यूटिव किम ई-बे के देश छोड़ने पर बैन लगा दिया है। पुलिस ने कहा- हम कानून के अनुसार इस दुर्घटना के कारण और जिम्मेदारी का जल्द से जल्द पता लगाने का प्लान बना रहे हैं। साउथ कोरिया में 29 दिसंबर की सुबह मुआन एयरपोर्ट पर जेजू एयर का विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में 179 लोगों की मौत हो गई। विमान में सवार सिर्फ 2 क्रू मेंबर बच पाए। इन दोनों को प्लेन के पीछे की ओर इमरजेंसी एग्जिट से रेस्क्यू किया गया। जेजू एयर हादसे के 4 दिन बीत जाने के बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि यह प्लेन क्रैश कैसे हुआ। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंजन से पक्षी का टकराना ही हादसे की वजह नहीं हो सकती है। उनका मानना है कि एक इंजन पर पक्षी के टकराने से सभी सिस्टम पूरी तरह से फेल नहीं हो जाते, एक इंजन पर भी प्लेन को उड़ाया जा सकता है। ऐसे में जांच में जुटी टीम यह पता करने में जुटी है कि आखिर हुआ क्या था… लैंडिग गियर नहीं खुलने की वजह से प्लेन लैंड नहीं कर सका
सबसे पहले पायलट ने सुबह 8:59 बजे मुआन एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे अलर्ट भेजा। पायलट मेडे शब्द का इस्तेमाल इमरजेंसी की स्थिति में करते हैं। पायलट ने सूचना दी कि प्लेन से एक पक्षी टकरा गया है। इसके बाद पायलट को रास्ता बदलने और उल्टी दिशा में उतरने का निर्देश दिया गया था। प्लेन ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए दो बार कोशिश की। पहली बार में लैंडिंग गियर नहीं खुलने की वजह से प्लेन लैंड नहीं हो पाया था। इसके बाद पायलट ने हवा में एक और चक्कर लगाने की बात कही। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि लैंडिंग गियर के न खुलने की वजह क्या थी। यह हादसा सबसे घातक प्लेन क्रैश में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यह हादसा 2018 के बाद का सबसे बड़ा हादसा है, तब लायन एयर फ्लाइट 610 इंडोनेशिया में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इसमें सवार सभी 189 लोग मारे गए थे। दुनिया में सबसे ज्यादा उड़ता है बोइंग 737-800 प्लेन
हादसे का शिकार प्लेन बोइंग 737-800 जेट था। यह यात्री विमान दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। प्लेन ने बैंकॉक से छह क्रू मेंबर्स और 175 यात्रियों के साथ उड़ान भरी। इनमें से ज्यादातर दक्षिण कोरियाई थे जो थाईलैंड में क्रिसमस की छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे। मुआन के चीफ फायर ऑफिसर ली जंग-ह्यून ने कहा, “इस हादसे की ‘बर्ड स्ट्राइक’ और मौसम के पहलू से जांच की जा रही है।” एयरपोर्ट के अधिकारियों का मानना है कि ‘बर्ड स्ट्राइक’ की वजह से लैंडिंग गियर में खराबी आ सकती है। अमेरिका भेजा जाएगा विमान का ब्लैक बॉक्स
अधिकारियों ने प्लेन का ‘ब्लैक बॉक्स’ बरामद कर लिया है। नारंगी रंग वाला ब्लैक बॉक्स एक हार्ड डिस्क जैसा उपकरण होता है, जो विमान का सारा डेटा इकट्ठा करता है। यह कॉकपिट में पायलटों के बीच होने वाली बातचीत को भी रिकॉर्ड करता है, ताकि पता लग सके कि दुर्घटना से ठीक पहले क्या हुआ था। यह कंप्यूटर अनाउंसमेंट के साथ ही यात्रियों से जुड़ी अनाउंसमेंट भी रिकॉर्ड करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह हादसा इतना भयानक था कि ‘ब्लैक बॉक्स’ को भी आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। इसलिए इसे अमेरिका भेजा जाएगा। ऐसे में डेटा को हासिल करने में कुछ समय लग सकता है। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि पक्षी के टकराने का अलर्ट भेजने और प्लेन के दीवार से टकराने के बीच के 4 मिनटों में क्या हुआ। ………………………………………. प्लेन क्रैश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अजरबैजान प्लेन क्रैश पर पुतिन की माफी, जिम्मेदारी नहीं ली:रूसी अधिकारी बोले- यूक्रेन पर जवाबी कार्रवाई के वक्त हमारे एयरस्पेस में था प्लेन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शनिवार को अजरबैजान के प्लेन क्रैश पर माफी मांगी है। पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति से कहा कि हादसा उनके एयरस्पेस में हुआ इसके लिए उन्हें दुख है। पूरी खबर यहां पढ़ें…