इजराइल की सीरिया में सर्जिकल स्ट्राइक, VIDEO जारी:120 कंमाडो ने टनल में 3 घंटे में मिसाइल फैक्ट्री तबाह की, 4 महीने पहले किया ऑपरेशन

इजराइली वायुसेना ने सीरिया में 8 सितंबर 2024 को ईरान के मिसाइल फैक्ट्री पर स्ट्राइक की थी। इस ऑपरेशन को वायुसेना की एक स्पेशल यूनिट ने सीरिया में 200 किमी घुसकर अंजाम दिया था। गुरुवार, 2 जनवरी को सेना ने इससे जुड़ा वीडियो शेयर किया। इससे एक दिन पहले (1 जनवरी) इजराइल ने इसकी जानकारी दी थी। इजराइली सेना के मुताबिक ईरान ने पश्चिमी सीरिया के मस्फया इलाके में पहाड़ को खोदकर अंडरग्राउंड (जमीन के अंदर) मिसाइल फैक्ट्री बना रखी थी। यहां से किलर मिसाइलें बनाकर उसे लेबनान में हिजबुल्लाह और असद की सेना को दिया जाता था। इजराइल के 120 कमांडो ने सुरंग में अंदर जाकर ढाई घंटे तक विस्फोटक बिछाए और सुरक्षित बाहर निकल गए। इजराइल ने जब इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, उस समय सीरिया में बशर अल असद की सरकार थी। इस समय तक इजराइल, हिजबुल्लाह के साथ सीधी जंग में शामिल भी नहीं हुआ था। लोकेशन- डेप लेयर, ऑपरेशन- मेनी वेज इजराइली सेना ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन मेनी वेज’ और स्ट्राइक की लोकेशन को ‘डीप लेयर’ नाम दिया था। इस ऑपरेशन को वायुसेना की शालडाग यूनिट ने अंजाम दिया। उसके साथ सर्च और रेसक्यू यूनिट 669 भी मौजूद थी। पूरे ऑपरेशन के दौरान इजराइल के किसी भी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। IDF के मुताबिक ईरान ने इस फैक्ट्री (डीप लेयर) को बनाने की शुरुआत 2017 में की थी। इसी साल इजराइल ने रॉकेट इंजन बनाने वाली फैसिलिटी CERS को एक हवाई हमले में तबाह कर दिया था। इसके बाद ईरान ने यहां अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री बनाने की शुरुआत की। ईरान ने 2021 तक इस फैक्ट्री का निर्माण पूरा कर लिया था। साथ ही मिसाइलों को प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया था। मिशन की प्लानिंग और ट्रेनिंग IDF के मुताबिक इस फैक्ट्री को तबाह करने का आइडिया कई साल पुराना था। हालांकि पिछले एक साल से हमास और हिजबुल्लाह से जंग के दौरान इजराइल ने इसकी प्लानिंग शुरू की। शालडाग यूनिट की ट्रेनिंग और क्षमताओं की वजह से वायुसेना ने उसे इस मिशन को अंजाम देने के लिए चुना। स्ट्राइक के दो महीने पहले से शालडाग और यूनिट 669 के सैनिकों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस ट्रेनिंग में लोकेशन के कई मॉडल भी शामिल किए गए थे। इसके जरिए ऑपरेशन के दौरान बैकअप को तैयार रखने की प्लानिंग की गई। ऑपरेशन से पहले इंटेलिजेंस यूनिट को अधिक सक्रिय किया गया। इसके जरिए सैनिकों के उतरने की लोकेशन और सुरंग में घुसने और नष्ट करने के मॉडल तैयार किए गए। साथ संभावित खतरों और सीरियाई सेना से निपटने के लिए भी तैयारी को भी ध्यान में रखा गया। 8 सितंबर- द डे ऑफ एक्शन ऑपरेशन मेनी वेज के लिए 8 सितंबर का दिन चुना गया, क्योंकि इस दिन मौसम साफ था। इससे शाम के समय लोकेशन पर सैनिकों को ले जाने हेलिकॉप्टर्स को आसानी होती। शाम को शालडाग यूनिट के 100 कमांडो और यूनिट 669 के 20 सैनिक मिशन के लिए रवाना हुए। इन्हें वायुसेना के चार हेवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर CH-53 यासुर के जरिए इजराइल के एयरबेस से सीरिया के लिए रवाना किया गया। इनकी सहायता के लिए दो लड़ाकू हेलिकॉप्टर, 21 लड़ाकू विमान, 5 ड्रोन और 14 जासूसी विमान भी साथ भेजे गए। इसके अलावा 20 विमानों को इजराइल में स्टैंडबाय पर रखा गया, जिससे कि प्लान फेल होने पर स्थिति को कंट्रोल में लिया जा सके। रडार से बचने के लिए हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे। हेलिकॉप्टर के साथ गए दूसरे विमानों और ड्रोन्स ने अलग-अलग लोकेशन को टारगेट किया। इस दौरान भारी हमले किए गए। इनका मकसद सीरियाई सेना का ध्यान भटकाना और उसकी डिफेंस फैसिलिटी को तबाह करना था। लोकेशन पर उतरकर टीम को दो हिस्सों में बांट दिया गया। पहली टीम ने लोकेशन को पूरी तरह से कवर किया। वहीं दूसरी टीम सुरंग में जाने के लिए गेट पर पहुंची। यहां पहुंचते ही उसने गेट के 2 गार्ड को मार गिराया और कमांडो सुरंग में प्रवेश कर गए। अगले 2 घंटे तक कमांडोज ने पूरी सुरंग में 300 किग्रा विस्फोटक बिछाकर मिशन को अंजाम दिया। सुंरग गेट पर डेटोनेटर लगाए गए। इसके बाद सभी कमांडो वापस हेलिकॉप्टर में लौटे। उनके लौटते ही सुरंग में विस्फोट कर दिया गया। मिशन में शामिल एक कमांडो के मुताबिक ये विस्फोट इतना तेज था कि वहां एक हल्का भूकम्प भी आया। हमले के एक घंटे बाद सीरियाई सेना मौके पर पहुंची। तब तक वहां सब खत्म हो चुका था। इजराइली सेना के मुताबिक पूरे ऑपरेशन के दौरान उसने करीब 30 गार्ड और सीरियाई सैनिकों को मारा था। ————————————- ये खबर भी पढ़ें… वीडियो में देखिए, वो शहर जिसे इजराइल ने बर्बाद किया:50 साल पहले कब्जा छोड़ा, असद सरकार गिरने के बाद दोबारा घुसे टैंक साउथ सीरिया के क्यूनेइत्रा में 8 दिसंबर को अचानक इजराइली टैंक घुस आए। उन्होंने 7 किमी तक अंदर आकर सड़कें तोड़ दीं और कब्जा कर लिया। ये एरिया इजराइल बॉर्डर से सटे गोलान हाइट्स की तलहटी में बसा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…