चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग स्टूडेंट के रेप केस को लेकर आज भाजपा ने मदुरै से चेन्नई तक न्याय यात्रा निकाली। चेन्नई पहुंचने पर पुलिस ने रैली को रोक दिया और प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की 15 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। भाजपा महिला नेताओं ने कहा कि वे पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और कई महिला नेताओं को घर में नजरबंद भी किया। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष ने DMK सरकार की आलोचना की। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने X पर नजरबंद की गई महिला नेताओं की फोटो अपलोड कीं। अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु की DMK सरकार में हिस्ट्रीशीटर और रेपिस्ट खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन न्याय की मांग करने वाली भाजपा नेताओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने लिखा- DMK सरकार अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए अत्याचार कर रही रही है। लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता उत्पीड़न सहकर भी तमिलनाडु के लोगों के लिए लड़ेंगे। DMK सरकार अपराधियों को बचा रही
तमिलनाडु और कर्नाटक में भाजपा के राष्ट्रीय सह प्रभारी डॉ. पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों को गिरफ्तार करना बताता है कि DMK सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है। क्या यह सरकार का द्रविड़ मॉडल है, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को केस CBI को सौंपना चाहिए। भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा- अन्ना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट से रेप के आरोपी ज्ञानशेखरन को लोगों के आक्रोश के बाद गिरफ्तार किया गया था। इससे साफ होता है कि वह DMK का नेता है। यदि कोई साधारण अपराधी होता तो तुरंत गिरफ्तार किया जाता। उसकी DMK के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हैं। विरोध प्रदर्शन से जुड़ी फोटो पूरा मामला क्या है
23 दिसंबर की रात 8 बजे अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की सेकेंड ईयर स्टूडेंट के साथ रेप हुआ था। यूनिवर्सिटी कैंपस के पास ही राजभवन और IIT मद्रास है, जो हाई-सिक्योरिटी जोन में आता है। पुलिस ने कैंपस में लगे CCTV फुटेज की जांच की और आरोपी ज्ञानशेखरन को गिरफ्तार किया। वह यूनिवर्सिटी के पास ही बिरयानी की दुकान लगाता है। ———————————————– इस मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस- FIR में पीड़ित के कपड़ों पर कमेंट इस केस में 28 दिसंबर को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की वेकेशन बेंच ने 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा था कि पुलिस की FIR में लिखा है कि पीड़ित ने ऐसे कपड़े पहने थे जिससे अपराध हो सके। इसके अलावा अन्य जो बातें लिखी हैं कि उसमें पीड़ित के सम्मान के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है। पुलिस को थोड़ा संवेदनशील होने की जरूरत है। पीड़ित एक छात्रा है और उसकी उम्र केवल 19 साल है। क्या FIR दर्ज करने में पीड़ित की सहायता करना SHO का कर्तव्य नहीं है। FIR में ऐसी बातें लिखी हैं जैसी लड़के हॉस्टल में छुपकर पढ़ते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
तमिलनाडु और कर्नाटक में भाजपा के राष्ट्रीय सह प्रभारी डॉ. पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों को गिरफ्तार करना बताता है कि DMK सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है। क्या यह सरकार का द्रविड़ मॉडल है, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को केस CBI को सौंपना चाहिए। भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा- अन्ना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट से रेप के आरोपी ज्ञानशेखरन को लोगों के आक्रोश के बाद गिरफ्तार किया गया था। इससे साफ होता है कि वह DMK का नेता है। यदि कोई साधारण अपराधी होता तो तुरंत गिरफ्तार किया जाता। उसकी DMK के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हैं। विरोध प्रदर्शन से जुड़ी फोटो पूरा मामला क्या है
23 दिसंबर की रात 8 बजे अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की सेकेंड ईयर स्टूडेंट के साथ रेप हुआ था। यूनिवर्सिटी कैंपस के पास ही राजभवन और IIT मद्रास है, जो हाई-सिक्योरिटी जोन में आता है। पुलिस ने कैंपस में लगे CCTV फुटेज की जांच की और आरोपी ज्ञानशेखरन को गिरफ्तार किया। वह यूनिवर्सिटी के पास ही बिरयानी की दुकान लगाता है। ———————————————– इस मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस- FIR में पीड़ित के कपड़ों पर कमेंट इस केस में 28 दिसंबर को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की वेकेशन बेंच ने 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा था कि पुलिस की FIR में लिखा है कि पीड़ित ने ऐसे कपड़े पहने थे जिससे अपराध हो सके। इसके अलावा अन्य जो बातें लिखी हैं कि उसमें पीड़ित के सम्मान के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है। पुलिस को थोड़ा संवेदनशील होने की जरूरत है। पीड़ित एक छात्रा है और उसकी उम्र केवल 19 साल है। क्या FIR दर्ज करने में पीड़ित की सहायता करना SHO का कर्तव्य नहीं है। FIR में ऐसी बातें लिखी हैं जैसी लड़के हॉस्टल में छुपकर पढ़ते हैं। पूरी खबर पढ़ें…