12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की बर्थ एनिवर्सरी:विवेकानंद जी की सीख- भागने से नहीं सामना करने से दूर होती है परेशानियां

रविवार, 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की बर्थ एनिवर्सरी है। स्वामी जी से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें सुखी जीवन के सूत्र छिपे हैं। इन सूत्रों को अपना लेने से हमारी सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं। यहां जानिए विवेकानंद जी से जुड़ा एक ऐसा चर्चित किस्सा, जिसमें परेशानियों से निपटने का सूत्र बताया गया है… एक बार स्वामी विवेकानंद किसी मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए गए थे। उस मंदिर के आसपास कई बंदर रहते थे, जो कि वहां आने-जाने वाले भक्तों से प्रसाद छीन लेते थे। मंदिर में दर्शन करने के बाद विवेकानंद जी जैसे ही मंदिर से बाहर आए तो वहां के बंदरों ने उन्हें घेर लिया। बंदर स्वामी जी से प्रसाद छिनने की कोशिश कर रहे थे। स्वामी जी इतने बंदरों को एक साथ देखकर थोड़ा डर गए और बंदरों से बचने के लिए तेजी से भागने लगे। बंदर भी स्वामी जी का पीछा करने लगे। जहां ये घटना हो रही थी, वहां एक एक वृद्ध साधु भी खड़ा हुआ था। वह ये पूरी घटना ध्यान से देख रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी स्वामी जी उन बंदरों को अपना पीछा नहीं छुड़ा पाए। वे बहुत परेशान हो गए थे, तब उस साधु ने स्वामी जी से कहा कि रूको। डरो मत, उनका सामना करो। वृद्ध साधु की ये बात सुनकर स्वामी जी ठहर गए, थोड़ा सोच-विचार करने के बाद वे पीछे की ओर पलटे और बंदरों के ओर तेजी से बढ़ने लगे। जैसे विवेकानंद बंदरों की ओर बढ़े तो सभी बंदर वहां से भाग गए। बंदरों के जाने के बाद स्वामी जी ने उस साधु को धन्यवाद दिया और वहां से लौट गए। स्वामी जी ने कुछ समय बाद अपने एक प्रवचन में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि अगर हम किसी चीज से डरते हैं तो उससे भागना नहीं चाहिए, बल्कि उसका सामना करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद की सीख जब हम परेशानियों से या किसी डर से भागते हैं तो वह परेशानी और डर हमारा पीछा नहीं छोड़ते हैं। जब हम अपने डर का और परेशानियों का सामना करते हैं, तब ही इनसे मुक्ति मिल सकती है। इसलिए हमें मुश्किलों से भागना नहीं चाहिए, बल्कि मुश्किलों को सामना करना चाहिए।