सेहतनामा-स्पाइन से 2mm दूर था सैफ को लगा चाकू:सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड ने बचाई जान, ये क्यों है क्रिटिकल, जानिए स्पाइन सर्जन से

एक्टर सैफ अली खान पर बुधवार देर रात घर में घुसकर चाकू से हमला हुआ था। उन्हें गले, पीठ, हाथ और सिर समेत 6 जगह चाकू लगा था। रात में ही खून से लथपथ हालत में उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। लीलावती हॉस्पिटल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ. नीरज उत्तमानी ने बताया कि सैफ की रीढ़ की हड्डी में चाकू का टुकड़ा फंसा था। रीढ़ में फ्लूइड भी लीक हो रहा था। इसे सर्जरी करके निकाल लिया गया है। डॉक्टर ने कहा कि अगर उनकी रीढ़ में चाकू 2 मिलीमीटर और धंस गया होता तो रीढ़ की हड्डी को काफी नुकसान हो सकता था। चाकू का यह टुकड़ा गर्दन के पास रीढ़ में घुसा था। अगर समय पर इलाज नहीं मिलता या इंजरी बढ़ जाती तो हैंड मूवमेंट की क्षमता और सांस लेने की एबिलिटी प्रभावित हो सकती थी। चोट ज्यादा गंभीर होती तो पैरालिसिस हो सकता था। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज जानेंगे कि स्पाइनल कॉर्ड क्या काम करती है। साथ ही जानेंगे कि- नर्वस सिस्टम का जरूरी हिस्सा है स्पाइन रीढ़ यानी स्पाइन हमारे नर्वस सिस्टम का मुख्य भाग है। यह नर्व्स और सेल्स से बना है, जो ब्रेन से शरीर के बाकी हिस्सों तक मैसेज भेजता है। रीढ़ की हड्डी से चल रहा पूरा शरीर स्पाइनल कॉर्ड हमारे ब्रेन से नर्व सिग्नल्स (मैसेज) लेकर शरीर के बाकी हिस्सों और पीठ तक पहुंचाती है। ये सिग्नल इलेक्ट्रिक मैसेज होते हैं। इनकी मदद से हमारी बॉडी सही ढंग से फंक्शन कर पाती है। इसे ऐसे समझिए कि शरीर के सभी छोटे-बड़े फंक्शन में स्पाइन कॉर्ड काम कर रही होती है। अगर धूल के कण तेज गति से आंख की तरफ आते दिख रहे हैं तो तुरंत पलकों को बंद करके आंख को सुरक्षित रखने का जिम्मा भी स्पाइनल कॉर्ड का ही है। सेरेब्रल फ्लूइड क्या है लीलावती हॉस्पिटल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ. नीरज उत्तमानी ने बताया कि चाकू की नोक रीढ़ की हड्डी में घुस गई थी। हालांकि, यह सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड तक ही जा पाई। इसमें पंक्चर होने से फ्लूइड बहने लगा, लेकिन स्पाइनल कॉर्ड सुरक्षित रहा। असल में हमारी स्पाइनल कॉर्ड और ब्रेन के चारों ओर सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड की शील्ड रहती है। यह शील्ड बनकर नाजुक ब्रेन और स्पाइन को गंभीर चोट से बचाती है। स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी होने पर दिख सकते हैं ये संकेत अगर कोई चोट सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड के घेरे को तोड़कर स्पाइनल कॉर्ड तक पहुंच जाती है तो इससे नर्व्स और टिश्यूज डैमेज हो सकते हैं। इसके कारण पैरालिसिस हो सकता है, मेमोरी लॉस हो सकता है या बॉडी फंक्शंस पर हमारा कंट्रोल खत्म हो सकता है। हमें चलने में और बैलेंसिंग में समस्या हो सकती है। अगर ब्लैडर पर कंट्रोल खत्म हो गया तो न चाहते हुए भी यूरिन रिलीज हो सकता है। ऐसी कंडीशन में और किस तरह के लक्षण दिख सकते हैं, ग्राफिक में देखिए। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से बचने के लिए क्या करें? चूंकि स्पाइनल कॉर्ड नर्वस सिस्टम का मुख्य हिस्सा है। इसलिए इसमें छोटी इंजरी भी बड़ा नुकसान कर सकती है। इससे बचने के लिए डॉ. जगदीश सिंह चारण कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं। अगर हम रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करते हैं तो स्पाइन के आसपास की मसल्स ज्यादा इलास्टिक और मजबूत हो जाती हैं। इससे इंजरी होने पर डैमेज कम होता है। हमें अपना पॉश्चर सही रखना भी बहुत जरूरी है। स्पाइनल कॉर्ड से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और जवाब सवाल: स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी कब होती है? जवाब: ज्यादातर मामलों में बहुत ऊंचाई से गिरने, रोड एक्सीडेंट होने या खेल के दौरान चोट लगने से स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी होती है। ऐसा ट्यूमर, डीजेनेरेटिव डिजीज और वैस्कुलर कंडीशंस के कारण भी हो सकता है। सवाल: स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने पर ठीक होने में कितना समय लगता है? जवाब: आमतौर पर की स्पाइन कॉर्ड में इंजरी होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इससे रिकवरी में 6-12 महीने तक का समय लग सकता है। इस दौरान आपको डॉक्टर के सभी इंस्ट्रक्शन फॉलो करने चाहिए। इस दौरान सिगरेट और शराब का सेवन न करें। चाय-कॉफी पीने से भी बचें। सवाल: सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड लीक के लक्षण क्या हैं? जवाब: सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड लीक आमतौर पर इतना छोटा होता है कि ब्रेन पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ता है। कई बार तो इसके लक्षण पहचानना भी मुश्किल होता है। अगर घाव गहरा है और फ्लूइड ज्यादा लीक हो रहा है तो निम्न लक्षण दिख सकते हैं: सवाल: सेरेब्रोस्पाइनल लीक कितने समय तक रहता है? जवाब: यह इस पर निर्भर करता है कि सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में कितना बड़ा पंक्चर है और यह किस कारण हुआ है। यह लीक कई दिनों, कई हफ्तों या महीनों तक बना रह सकता है। हालांकि इसमें समय पर ट्रीटमेंट मिलना बहुत जरूरी है।
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