पाकिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 30 आतंकवादियों को मार गिराया। ARY न्यूज के मुताबिक सेना ने शुक्रवार और शनिवार को खैबर के अलग अलग ठिकानों में आतंकियों के खिलाफ सीक्रेट ऑपरेशन चलाया। पहली मुठभेड़ खैबर पख्तूनख्वा में हुई, जहां पाकिस्तानी सैनिकों ने 18 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि 6 घायल हो गये। वहीं, करक जिले ऑपरेशन चला कर 8 आतंकियों का ढेर कर दिया गया। तीसरी मुठभेड़ खैबर जिले के बाग इलाके में हुई। यहां सेना ने चार आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि दो घायल हो गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से कई हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए। इससे पहले 12 जनवरी को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 9 आतंकवादियों को मार गिराया था। पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ है खैबर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को पाकिस्तान का सबसे अशांत इलाका माना जाता है। यहां पर पाकिस्तानी तालिबान के आतंकी लगातार पाकिस्तानी सेना को निशाने बनाते रहते हैं। इसके साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव रहा है। इस वजह से कई आतंकी गुट इसे पनाहगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है। दो महीने पहले झड़प में 80 से ज्यादा लोग मारे गए इस इलाके में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच भी कई बार हिंसक झड़प हो चुकी है। कुछ महीने पहले ही खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी हिंसा में 82 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 156 लोग घायल हो गए थे। यहां रहने वाली जनजातियों में लंबे वक्त से जमीन विवाद चला आ रहा है। ———————————— यह खबर भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर:ISI चीफ 54 साल बाद ढाका पहुंचे, बांग्लादेश-पाकिस्तान मिलकर क्या प्लान बना रहे; वो सबकुछ जो जानना जरूरी है लेफ्ट साइड बांग्लादेशी आर्मी के नंबर-2 लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन हैं। दूसरी तरफ पाक आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर। मेज पर दोनों देशों के फ्लैग के बीच जिन्ना की तस्वीर रखी है। ये बैठक पाकिस्तान के रावलपिंडी में 14 जनवरी को हुई। अगले ही हफ्ते 23 जनवरी को खबर आई कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ असीम मलिक बांग्लादेश पहुंचे हैं। 1971 की जंग के बाद पहली बार कोई ISI चीफ ढाका पहुंचा होगा। यह खबर भी पढ़ें…