शंभू बॉर्डर पर एक और किसान की मौत:हॉर्ट अटैक आया; डल्लेवाल की तबीयत भी बिगड़ी, अनशन का 66वां दिन आज

पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच एक और किसान की मौत हो गई है। किसान की जान हॉर्ट अटैक आने से गई है। किसान का नाम प्रगट सिंह है जो अमृतसर के गांव कक्कड़ तहसील लोपोके का रहने वाला था। किसान 2 एकड़ जमीन का मालिक था। वह 2 बच्चों का पिता था। पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन-2 को 13 फरवरी को एक साल पूरा होने जा रहा है। ऐसे में दोनों मोर्चों पर किसानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही 11 फरवरी से 13 फरवरी तक होने वाली तीन किसान महापंचायतों को सफल बनाने के लिए किसान नेता पूरी रणनीति में जुटे हुए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (शुक्रवार) 66वें दिन में प्रवेश कर गया है। हालांकि भूख हड़ताल के कारण डल्लेवाल का शरीर कमजोर हो गया है। इसके कारण उन्हें बुखार आ गया है, वह जरा सी भी हरकत बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। तीन प्वाइंटों से समझे किसानों की अगली स्ट्रेटजी 1. 14 फरवरी को केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में किसानों के साथ बैठक करने का फैसला किया है। इससे पहले किसान बॉर्डर पर बड़ी संख्या में जुटकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि आंदोलन को भले ही एक साल हो गया है। लेकिन उनके हौसले अभी भी बुलंद हैं। साथ ही वे लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। 2. दूसरी बात यह कि किसान बिल्कुल भी आक्रामकता नहीं दिखा रहे हैं। वे बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से मोर्चे पर डटे हुए हैं। वहीं, जिस तरह से डल्लेवाल का अनशन चल रहा है। उसने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। डल्लेवाल ने खुद लोगों को संदेश भेजकर इस आंदोलन में शामिल होने को कहा है। 3. किसानों का फोकस इस आंदोलन को पंजाब से बाहर ले जाने पर है। ऐसे में अब हरियाणा और राजस्थान पर फोकस बढ़ा दिया गया है। इसी प्लानिंग के तहत पहले हरियाणा से किसानों के जत्थे लगातार खनौरी पहुंच रहे थे। वहीं, अब महापंचायत और ट्रैक्टर मार्च इसका हिस्सा हैं। क्योंकि जैसे ही दूसरे राज्यों के किसान इसमें शामिल हो जाएंगे, उसके बाद सरकार पर भी दबाव बनेगा। ज्ञान सुल्तान सिंह डल्लेवाल से मिले श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह ने खनौरी किसान मोर्चे पर पर पहुंचकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। इससे पहले कल डल्लेवाल श्री अखंड पाठ साहिब के भोग में शामिल हुए। इस दौरान उन्हें स्ट्रक्चर पर गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में पंडाल में लाया गया। लेकिन तबीयत ठीक न होने से उन्हें वापस ट्रॉली में ले जाया गया। किसान नेताओं कउ पूरा फोकस महा पंचायतों पर लगा हुआ है।