NCP (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया। इस पर महाराष्ट्र की राजनीति में हंगामा हो गया है। महाविकास अघाड़ी में सहयोगी पार्टी शिवसेना (UBT) ने नाराजगी जताई है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे ने ही अमित शाह की मदद से शिवसेना को तोड़ा था। उनका सम्मान करना भाजपा नेता का सम्मान करने के जैसा है। जिसे हम महाराष्ट्र का दुश्मन समझते हैं उसे ऐसा सम्मान देना, महाराष्ट्र के गौरव पर आघात है। राउत ने कहा कि शरद पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार गिरा दी थी। उन्होंने सवाल किया- क्या आप जानते हैं कि यह अवार्ड किसने दिया? राजनीतिक नेताओं को दिए जाने वाले ऐसे अवार्ड या तो खरीदे या बेचे जाते हैं। शरद पवार की पार्टी ने 11 फरवरी को शिंदे को ‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया था। यह सम्मान 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में दिया गया था। NCP बोली- यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं
शरद पवार गुट की पार्टी NCP ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह राजनीति नहीं बल्कि साहित्य का कार्यक्रम था। NCP (SP) सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि राउत अपनी निजी राय जाहिर कर सकते हैं। यह अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का हिस्सा था। उन्होंने स्टेट्समैनशिप को दिखाया है। हर चीज में राजनीति को नहीं लानी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है। भाजपा बोली- पवार ने शिंदे के काम को स्वीकारा
भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने राउत के बयान पर कहा कि NCP (शरद गुट) अध्यक्ष एक तरह से यह जाहिर कर रहे थे कि उद्धव ठाकरे की तुलना में एकनाथ शिंदे ने बतौर CM अच्छा काम किया है। पवार ने स्वीकारा है कि शिंदे अच्छे CM थे। भाजपा नेता ने साथ ही दावा किया कि पवार ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि उद्धव ठाकरे ने 2019 से 2022 के बीच केवल 2 बार मंत्रालय गए थे जबकि शिंदे 22 घंटे काम करते थे। बावनकुले ने कहा कि शरद पवार ने महसूस किया कि उद्धव ने राज्य को नुकसान पहुंचाया है। —————————— राउत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी ममता, राउत बोले- तृणमूल कांग्रेस INDIA ब्लॉक का हिस्सा, कांग्रेस से बातचीत करनी चाहिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद एक बार फिर INDIA ब्लॉक की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली के नतीजों के बाद ममता बनर्जी ने भी कहा कि वे 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी। राउत ने कहा कि बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में INDIA ब्लॉक से नाता तोड़ लिया है। हालांकि, केंद्र में वे गठबंधन का हिस्सा हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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