पीएम-किसान की 19वीं किस्त जारी:9.8 करोड़ किसानों के खातों में ₹22 हजार करोड़ ट्रांसफर, तीन किश्तों में मिलते हैं ₹6 हजार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की। बिहार के भागलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह किश्त जारी की गई। इसके तहत 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 22,000 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर हुई। इससे पहले 18वीं किस्त में 9.6 करोड़ किसानों के खातों में 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। सरकार ने पीएम-किसान के तहत अब तक कुल 3.68 लाख करोड़ रुपए किसानों में खातों में ट्रांसफर किए हैं। इस योजना के तहत किसानों के खाते में हर साल तीन किश्तों में 2-2 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच, दूसरी किस्त अगस्त-नवंबर और तीसरी किस्त दिसंबर-मार्च के बीच जारी की जाती है। अगर किस्त नहीं आई है तो क्या करें? अगर आपको इस योजना के रजिस्ट्रेशन में कोई परेशानी आ रही है, या आपकी किस्त से जुड़ी कोई समस्या है, या कोई और अन्य सवाल है तो इसके लिए आपको PM किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर फार्मर कॉर्नर में हेल्प डेस्क पर जाना होगा। हेल्प डेस्क पर क्लिक करने के बाद यहां आप अपना आधार नंबर, अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें। गेट डिटेल्स क्लिक करने पर क्वेरी फॉर्म आ जाएगा। यहां ड्रॉप डाउन में अकाउंट नंबर, पेमेंट, आधार और अन्य समस्याओं से जुड़े ऑप्शन दिए गए हैं। अपनी समस्या के हिसाब से इसे चुने और नीचे इसका विवरण भी लिखे। अब इसे सब्मिट करें। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। पहले केवल छोटे और सीमांत किसानों में मिलता था फायदा शुरुआत में जब PM-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और इसका दायरा बढ़ाया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है। PM किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।