दिल्ली में महाशिवरात्रि पर नॉन-वेज खाने पर विवाद:आरोप- ABVP छात्रों ने फीमेल स्टूडेंट को पीटा; विद्यार्थी परिषद ने कहा- व्रत तोड़ने की कोशिश हुई

महाशिवरात्रि के मौके पर बुधवार को दिल्ली में साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (एसएयू) में छात्रों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। SFI ने कहा कि, ABVP के कुछ छात्रों ने एक फीमेल स्टूडेंट को पीटा है। सोशल मीडिया X पर पिटाई का वीडियो भी शेयर किया। उधर विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि, SFI के छात्र उनका व्रत तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। SFI और ABVP के दावे… ABVP बोली- व्रत का खाना खाते समय नॉनवेज परोसा गया
ABVP की तरफ से इसे पूरे मामले पर बयान आया। विद्यार्थी परिषद ने सोशल मीडिया पर लिखा- महाशिवरात्रि के अवसर पर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में छात्रों ने व्रत रखा था। धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए इन छात्रों ने मेस प्रशासन को पहले ही बता दिया था कि इस खास दिन पर उनके लिए सात्विक भोजन की व्यवस्था की जाए। मेस प्रभारी ने दो मेस हॉल में से एक में सात्विक भोजन की व्यवस्था की। दोपहर में कुछ छात्र व्रत का खाना खा रहे थे। तभी वामपंथी गुंडों ने जानबूझकर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। जब मेस में सात्विक भोजन परोसा जा रहा था, तो SGI से जुड़े लोगों ने जबरन नॉन वेज खाना परोसा। इसके बाद वे मारपीट करने लगे। SFI ने कहा- यूनिवर्सिटी की मेस एक पब्लिक प्लेस है SFI ने दिल्ली स्टेट कमेटी को लेटर लिखा। जिसमें कहा गया कि, यूनिवर्सिटी की मेस एक पब्लिक प्लेस और किसी की प्राइवेट संपत्ति नहीं है। किसी एक समुदाय के खान-पान की प्रथाओं को दूसरे समुदाय पर थोपना अलोकतांत्रिक और अधर्मनिरपेक्ष है। इसका विरोध करने पर ABVP के गुंडों ने मेस में छात्रों के साथ मारपीट की। महिला छात्राओं के बाल पकड़कर उन्हें हिंसक तरीके से घसीटा। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। दिल्ली पुलिस बोली- झगड़े की सूचना मिली, लेकिन लिखित शिकायत नहीं
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि, मैदानगढ़ी पुलिस स्टेशन में दोपहर करीब 3.45 बजे साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से झगड़े के बारे में एक पीसीआर कॉल मिली। जब हम मौके पर पहुंचे तो मेस में दो समूहों के बीच झगड़ा हो रहा था। फिलहाल यूनिवर्सिटी में स्थिति शांतिपूर्ण है और किसी की तरफ से कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। ये खबर भी पढ़ें… देश में आटा-बेसन, सीमेंट को हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा: सॉलिसिटर जनरल ने पूछा- नॉन-मीट प्रोडेक्ट्स कैसे हलाल ​​​​ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश में नॉन-मीट प्रोडेक्ट्स को भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। एक मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि आटा, बेसन और पानी की बोतल जैसे प्रोडक्ट्स भी इस लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने पूछा कि बेसन कैसे हलाल या गैर-हलाल हो सकता है। पढ़ें पूरी खबर…