संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में दो और भारतीय नागरिकों को फांसी दी गई है। दोनों को हत्या के आरोप में दोषी ठहराए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय ने फांसी दिए जाने की पुष्टि की है। UAE अधिकारियों ने 28 फरवरी 2025 को भारत के दूतावास को सूचित किया कि दोनों को फांसी दे दी गई है। फांसी किस तारीख को दी गई, यह अभी साफ नहीं है। दोनों केरल के हैं। उनके नाम मोहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू और मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलाप्पिल हैं। भारत ने क्षमादान की अपील की थी, कोर्ट ने ठुकराया
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास ने दया याचिका और क्षमादान के लिए अपील की थी लेकिन, UAE की सुप्रीम कोर्ट उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा। मंत्रालय ने बताया कि मृतकों के परिवारों को फांसी की सूचना दे दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रिनाश अल ऐन में एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता था। उसने UAE के नागरिक की हत्या की थी। वहीं, मुरलीधरन को एक भारतीय शख्स की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसने दोनों को हर संभव कानूनी मदद मुहैया कराई है। मंत्रालय दोनों के परिवार के सदस्यों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है। विदेश में सबसे ज्यादा UAE ने मौत की सजा दी
विदेशी धरती पर मौत की सजा पाए भारतीयों की सबसे अधिक संख्या UAE में है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 13 फरवरी को राज्यसभा को बताया था कि वहां पर 29 भारतीयों को मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली 33 साल की शहजादी खान और केरल के 2 युवकों को सजा सुनाए जाने के बाद यह संख्या घटकर 26 हो गई है। UAE में शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई थी। शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। उसे 5 मार्च को UAE में ही दफना दिया गया। पूरा मामला जानिए… आगरा के रहने वाले उजैर ने शहजादी को दुबई में बेच दिया शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली थी। दुबई जाने से पहले शहजादी सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करती थी। साल 2021 में उसका फेसबुक के जरिए आगरा में रहने वाले उजैर से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोल कर शहजादी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। शहजादी का चेहरा एक साइड से बचपन में झुलस गया था। उजैर ने चेहरा सही करवाने के लिए शहजादी को आगरा बुला लिया। इसके बाद उसे इलाज करवाने के नाम पर नवंबर, 2021 में दुबई में रहने वाले दंपती फैज और नादिया के हाथों बेच दिया। शहजादी तब झूठ बोलकर दुबई गई थी। दुबई में शहजादी को फैज और नादिया बहुत परेशान करते। उसने कई बार इंडिया आने का प्रयास किया, लेकिन वो लोग वापस नहीं आने दे रहे थे। दुबई में शहजादी के साथ मारपीट होती थी शहजादी ने पहले बताया था, वो दोनों उसको घर में बंद करके रखते थे। कभी बाहर नहीं निकलने देते, मारपीट करते। फैज और नादिया का एक 4 महीने का बेटा था। जो काफी बीमार रहता था। इसी बीच उसकी मौत हो गई। जिसका इल्जाम फैज और नादिया ने शहजादी पर लगा दिया। पुलिस केस हुआ और शहजादी को जेल भेज दिया गया। 15 दिन पहले अब्बू-भाई से की थी आखिरी बात शहजादी ने 15 दिन पहले फोन पर अपने अब्बू-अम्मी से बात की थी। यह 14 फरवरी की रात थी। सुबह शहजादी को फांसी दे दी गई। फांसी से पहले उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई। उसने कहा- वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है। बांदा जिले में उसके घर पर फोन किया गया। शहजादी ने कहा- यह मेरी आखिरी कॉल है। अब इस कोर्ट- कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। कैप्टन आए थे, उन्होंने बताया..टाइम नहीं है मेरे पास। उन्होंने हमें दूसरे रूम में रख दिया है। 2 साल से आप लोगों को नहीं देखा है। हम पर कोई कर्ज नहीं है। आप लोग बिल्कुल टेंशन मत लेना। हमारे साथ तो वैसे भी बहुत एक्सीडेंट हुए हैं। एक आखिरी एक्सीडेंट और हो रहा है, फिर कोई एक्सीडेंट नहीं होगा। उसने आगे कहा- आप लोगों को मुझे भूलना पड़ेगा। हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। फोन कट जाएगा, उसके बाद आप लोग परेशान मत होना। वहीं, शहजादी के अब्बू-अम्मी भी फोन पर रोते रहे। दोनों बेटी से माफी मांगते रहे। कहते रहे, हम तेरे लिए कुछ नहीं कर पाए। तुझको नहीं बचा पाए। क्या करें, जो बचा लें तुझको। तू वापस आ जा मेरी बच्ची। पिता ने बताया शहजादी जब 8 साल की थी तब खाना बनाते वक्त उसके चेहरे पर खौलता पानी गिर गया था। इससे चेहरे पर जलने का निशान बन गया था। जिसकी वजह से उसमें कॉन्फिडेंस की कमी थी और वह इसे हमेशा के लिए खत्म करना चाहती थी। ———————– यह खबर भी पढ़ें… यूपी की शहजादी को दुबई में फांसी:15 दिन पहले कहा था- अब्बू अब मेरा जीवन खत्म, बच्चे की हत्या के आरोप में कैद थी UAE में बांदा की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई। विदेश मंत्रालय ने आज, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास ने दया याचिका और क्षमादान के लिए अपील की थी लेकिन, UAE की सुप्रीम कोर्ट उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा। मंत्रालय ने बताया कि मृतकों के परिवारों को फांसी की सूचना दे दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रिनाश अल ऐन में एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता था। उसने UAE के नागरिक की हत्या की थी। वहीं, मुरलीधरन को एक भारतीय शख्स की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसने दोनों को हर संभव कानूनी मदद मुहैया कराई है। मंत्रालय दोनों के परिवार के सदस्यों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है। विदेश में सबसे ज्यादा UAE ने मौत की सजा दी
विदेशी धरती पर मौत की सजा पाए भारतीयों की सबसे अधिक संख्या UAE में है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 13 फरवरी को राज्यसभा को बताया था कि वहां पर 29 भारतीयों को मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली 33 साल की शहजादी खान और केरल के 2 युवकों को सजा सुनाए जाने के बाद यह संख्या घटकर 26 हो गई है। UAE में शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई थी। शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। उसे 5 मार्च को UAE में ही दफना दिया गया। पूरा मामला जानिए… आगरा के रहने वाले उजैर ने शहजादी को दुबई में बेच दिया शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली थी। दुबई जाने से पहले शहजादी सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करती थी। साल 2021 में उसका फेसबुक के जरिए आगरा में रहने वाले उजैर से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोल कर शहजादी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। शहजादी का चेहरा एक साइड से बचपन में झुलस गया था। उजैर ने चेहरा सही करवाने के लिए शहजादी को आगरा बुला लिया। इसके बाद उसे इलाज करवाने के नाम पर नवंबर, 2021 में दुबई में रहने वाले दंपती फैज और नादिया के हाथों बेच दिया। शहजादी तब झूठ बोलकर दुबई गई थी। दुबई में शहजादी को फैज और नादिया बहुत परेशान करते। उसने कई बार इंडिया आने का प्रयास किया, लेकिन वो लोग वापस नहीं आने दे रहे थे। दुबई में शहजादी के साथ मारपीट होती थी शहजादी ने पहले बताया था, वो दोनों उसको घर में बंद करके रखते थे। कभी बाहर नहीं निकलने देते, मारपीट करते। फैज और नादिया का एक 4 महीने का बेटा था। जो काफी बीमार रहता था। इसी बीच उसकी मौत हो गई। जिसका इल्जाम फैज और नादिया ने शहजादी पर लगा दिया। पुलिस केस हुआ और शहजादी को जेल भेज दिया गया। 15 दिन पहले अब्बू-भाई से की थी आखिरी बात शहजादी ने 15 दिन पहले फोन पर अपने अब्बू-अम्मी से बात की थी। यह 14 फरवरी की रात थी। सुबह शहजादी को फांसी दे दी गई। फांसी से पहले उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई। उसने कहा- वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है। बांदा जिले में उसके घर पर फोन किया गया। शहजादी ने कहा- यह मेरी आखिरी कॉल है। अब इस कोर्ट- कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। कैप्टन आए थे, उन्होंने बताया..टाइम नहीं है मेरे पास। उन्होंने हमें दूसरे रूम में रख दिया है। 2 साल से आप लोगों को नहीं देखा है। हम पर कोई कर्ज नहीं है। आप लोग बिल्कुल टेंशन मत लेना। हमारे साथ तो वैसे भी बहुत एक्सीडेंट हुए हैं। एक आखिरी एक्सीडेंट और हो रहा है, फिर कोई एक्सीडेंट नहीं होगा। उसने आगे कहा- आप लोगों को मुझे भूलना पड़ेगा। हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। फोन कट जाएगा, उसके बाद आप लोग परेशान मत होना। वहीं, शहजादी के अब्बू-अम्मी भी फोन पर रोते रहे। दोनों बेटी से माफी मांगते रहे। कहते रहे, हम तेरे लिए कुछ नहीं कर पाए। तुझको नहीं बचा पाए। क्या करें, जो बचा लें तुझको। तू वापस आ जा मेरी बच्ची। पिता ने बताया शहजादी जब 8 साल की थी तब खाना बनाते वक्त उसके चेहरे पर खौलता पानी गिर गया था। इससे चेहरे पर जलने का निशान बन गया था। जिसकी वजह से उसमें कॉन्फिडेंस की कमी थी और वह इसे हमेशा के लिए खत्म करना चाहती थी। ———————– यह खबर भी पढ़ें… यूपी की शहजादी को दुबई में फांसी:15 दिन पहले कहा था- अब्बू अब मेरा जीवन खत्म, बच्चे की हत्या के आरोप में कैद थी UAE में बांदा की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई। विदेश मंत्रालय ने आज, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर