क्या आपकी कमर में दर्द रहता है? अचानक पैर सुन्न हो जाते हैं? गर्दन में दर्द रहता है और हाथ सुन्न हो जाते हैं? ये स्लिप डिस्क के लक्षण हो सकते हैं। ‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 1.3% लोगों को जीवन में कभी-न-कभी स्लिप डिस्क की समस्या होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में लगभग 2% लोगों को हर साल स्लिप डिस्क की समस्या होती है। हमारी रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइन कई छोटी हड्डियों से मिलकर बनी होती है। ये हड्डियां एक कड़ी में सिर से लेकर कमर तक जुड़ी हुई हैं। इन हड्डियों के बीच नरम कुशन जैसे डिस्क होते हैं। जिस तरह गाड़ियों में शॉक एब्जॉर्बर होते हैं, जो झटकों को एब्जॉर्ब कर लेते हैं और गाड़ी स्मूद चलती रहती है। इसी तरह ये डिस्क झटकों को एब्जॉर्ब करती हैं और हड्डियों को लचीला बनाए रखती है। जब ये खिसक जाते हैं या फट जाते हैं तो इसे स्लिप डिस्क कहते हैं। कई बार इसके लक्षण इतने खराब हो सकते है कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज स्लिप डिस्क की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- स्लिप डिस्क क्या है? ऑर्थोपेडिक डॉ. अंकुर गुप्ता कहते हैं कि अगर कोई तेज झटका लगता है तो डिस्क खिसक सकती है या फट सकती है। यह भी हो सकता है कि डिस्क से जेल जैसा पदार्थ निकल आए, इसे स्लिप डिस्क या हर्निएटेड डिस्क कहते है। कितने तरह की होती है स्लिप डिस्क? डॉ. अंकुर गुप्ता कहते हैं कि सुनने लग सकता है कि स्लिप डिस्क का मतलब है कि डिस्क खिसक गई है। हालांकि, इसमें डिस्क खिसकने के अलावा फट सकती है या हो सकता है कि इसके अंदर भरा जेली जैसा पदार्थ रिलीज हो गया है। स्लिप डिस्क कई तरह की होती है- प्रोट्रूजन (Protrusion)- जब डिस्क का बाहरी हिस्सा अपनी जगह से खिसकता है लेकिन पूरी तरह फटता नहीं है। एक्सट्रूजन (Extrusion)- जब डिस्क का जेल जैसा पदार्थ सरफेस से बाहर निकलता है, लेकिन फिर भी डिस्क के अंदर रहता है। सीक्वेस्ट्रेशन (Sequestration)- जब डिस्क का अंदरूनी जेली जैसा पदार्थ पूरी तरह बाहर आकर स्पाइनल कॉर्ड पर प्रेशर बनाने लगता है। बल्गिंग डिस्क (Bulging Disc)- जब पूरी डिस्क हल्की फूल जाती है, लेकिन फटती नहीं है। स्लिप डिस्क के कारण स्लिप डिस्क की समस्या आमतौर पर 40 से 50 साल की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती है। बढ़ती उम्र के साथ रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद डिस्क कमजोर होने लगती हैं। इसके कारम उनके फटने या खिसकने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, गलत लाइफस्टाइल और बहुत भारी वजन उठाने से यह समस्या कम उम्र में भी हो सकती है। इसके सभी कारण ग्राफिक में देखिए- स्लिप डिस्क का इलाज क्या है? इसके लिए दर्द की दवाओं के साथ फिजियोथेरेपी दी जा सकती है। इसके अलावा डॉक्टर कुछ एक्सरसाइज सजेस्ट कर सकते हैं। दवाएं: हल्के दर्द के लिए पेन किलर दी जाती हैं और अगर यह दर्द नसों में महसूस हो रहा है तो गैबापेंटिन जैसी दवाएं दी जा सकती हैं। फिजियोथेरेपी: एक्सरसाइज और मसाज से दर्द कम हो सकता है। इंजेक्शन थेरेपी: गंभीर मामलों में स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए जाते हैं। सर्जरी: अगर लगभग 6 हफ्तों तक इलाज के बाद भी दर्द बहुत ज्यादा बना हुआ है तो ऑपरेशन किया जा सकता है। स्लिप डिस्क से कैसे बचें? डिस्क की खास बात ये है कि यह हमारे रीढ़ की हड्डियों के बीच रहकर उन्हें कुशन देती है और पूरे शरीर को लचीलापन देती है। हम जितना चलते-फिरते रहेंगे और एक्सरसाइज करते रहेंगे, ये हेल्दी बनी रहेंगी। अगर सिडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे हैं या बहुत लंबे समय तक एक ही पोश्चर में बैठे रहते हैं तो स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। इससे बचाव के लिए फॉलो करें ये टिप्स- स्लिप डिस्क से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या स्लिप डिस्क अपने आप ठीक हो सकती है? जवाब: हां, हल्की स्लिप डिस्क अपने आप ठीक हो सकती है। इसमें कुछ हफ्तों या कुछ महीनों का समय लग सकता है। जरूरत पड़ने पर दवाएं और फिजियोथेरेपी लेनी पड़ सकती है। गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। सवाल: क्या स्लिप डिस्क से पूरी तरह बचाव संभव है? जवाब: हां, अगर सही पॉश्चर अपनाया जाए। रोज एक्सरसाइज की जाए, भारी वजन उठाने से बचा जाए और हेल्दी डाइट ली जाए तो स्लिप डिस्क से बचाव संभव है। सवाल: स्लिप डिस्क में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए? जवाब: डॉक्टर की सलाह से स्ट्रेचिंग, कोर स्ट्रेंथ एक्सरसाइज, योग और हल्की फिजियोथेरेपी की जा सकती है, लेकिन बिना सलाह के कोई भी एक्सरसाइज न करें। सवाल: क्या स्लिप डिस्क में चलना-फिरन से मुश्किल बढ़ सकती है? जवाब: नहीं, हल्की-फुल्की एक्टिविटी और वॉक करने से दर्द कम हो सकता है। हालांकि, इस दौरान बहुत ज्यादा झुकने या भारी काम करने से बचना चाहिए। सवाल: क्या स्लिप डिस्क की समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है? जवाब: सही इलाज, एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से यह समस्या कंट्रोल में आ सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह बार-बार हो सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी है। सवाल: स्लिप डिस्क में कौन से फूड्स फायदेमंद हैं? जवाब: इस दौरान हड्डियों को मजबूत रखने के लिए दूध, दही, बादाम, हरी सब्जियां और विटामिन-D से भरपूर भोजन करना फायदेमंद हो सकता है। …………………….
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