गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सतेंद्र जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी। मंत्रालय ने गुरुवार को उपराज्यपाल सचिवालय को जानकारी दी कि भ्रष्टाचार मामले में दोनों पर जांच को मंजूरी दे दी गई है। मनीष सिसोदिया आबकारी नीति और सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। दोनों फिलहाल जमानत पर हैं। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद दोनों मामलों में जांच की प्रक्रिया तेज होने की संभावना है। इससे पहले 11 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सरकारी पैसों के दुरुपयोग मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग लगवाने में जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल किया। केजरीवाल और दो अन्य नेताओं गुलाब सिंह और नितिका शर्मा पर FIR की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से 18 मार्च तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। 6 साल पहले कोर्ट में लगाई गई याचिका
2019 में दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसमें आरोप था कि अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका से पार्षद नितिका शर्मा ने पूरे इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है। तब निचली अदालत ने याचिका खारिज कर FIR की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जनवरी, 2024 में डायरेक्टरेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी ने भी AAP से राजनीतिक विज्ञापनों के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने के लिए ब्याज सहित 163.62 करोड़ रुपए वापस करने को कहा था। भाजपा का आरोप- योजना के बजट से ज्यादा प्रचार पर खर्च
2019 में दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसमें आरोप था कि अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका से पार्षद नितिका शर्मा ने पूरे इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है। तब निचली अदालत ने याचिका खारिज कर FIR की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जनवरी, 2024 में डायरेक्टरेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी ने भी AAP से राजनीतिक विज्ञापनों के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने के लिए ब्याज सहित 163.62 करोड़ रुपए वापस करने को कहा था। भाजपा का आरोप- योजना के बजट से ज्यादा प्रचार पर खर्च