BLA के बाद TTP ने हमलों की धमकी दी:कहा- पाकिस्तानी सेना देश के लिए कैंसर; गुरिल्ला युद्ध और आधुनिक हथियार के लिए ट्रेनिंग

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के ट्रेन हाईजैक वाली घटना के बाद अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने भ हमलों की धमकी दे रहा है। TTP ने एक बयान जारी करके बताया कि ‘ऑपरेशन अल-खंदक’ के जरिए पाकिस्तानी सेना, सुरक्षा एजेंसियों और उनके सहयोगियों पर हमलों की चेतावनी दी है। इस बयान में TTP ने पाकिस्तानी सेना को देश के लिए ‘कैंसर’ बताया। ऐसे में सेना को सबक सिखाने के लिए ‘ऑपरेशन अल-खंदक’ शुरू कर रहा है। इस ऑपरेशन के जरिए सेना के ठिकानों, सुरक्षा बलों और सरकारी संस्थानों को निशाना बनाया जाएगा। संगठन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना बीते 77 वर्षों से देश को बर्बाद कर रही है और वह इसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा। गुरिल्ला युद्ध और स्नाइपर ट्रेनिंग में जुटा TTP हमलों की धमकी देने के साथ ही TTP ने खुलासा किया कि वह अपने लड़ाकों को आधुनिक हथियारों, गुरिल्ला युद्ध, स्नाइपर हमलों और आत्मघाती मिशनों की ट्रेनिंग दे रहा है। TTP ने बताया कि वे पाकिस्तानी सेना के शिविरों और ठिकानों को नष्ट करने के लिए अत्याधुनिक लेजर हथियारों का भी इस्तेमाल करेंगे। BLA का दावा – 18 नहीं 214 पाकिस्तानी सैनिकों को मारा BLA ने जाफर एक्सप्रेस हाईजैक को लेकर बड़ा दावा किया है। पाक सेना ने कहा था कि उसने 26 लोगों को मार गिराया, जिनमें 18 सैनिक शामिल थे और बाकी यात्रियों को बचा लिया गया। लेकिन BLA ने इसे झूठा करार देते हुए दावा किया कि उसने 214 सैनिकों को मार डाला। BLA ने अपने बयान में कहा कि पाक सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं और बलूच कैदियों को रिहा नहीं किया, इसलिए उनके लड़ाकों ने बंधक बनाए गए सभी सैनिकों को मार डाला। BLA ने चेतावनी दी कि यह संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ, बल्कि और तेज होगा। बलूच आर्मी बोली- हमारे लड़ाकों को मारा नहीं गया, उन्होंने खुद शहादत चुनी BLA ने कहा कि हमारे लड़ाकों ने खुद शहादत चुनी, लेकिन अब पाकिस्तानी सेना हमारे फिदायीन लड़ाकों के शवों को अपनी सफलता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। जबकि हमारे लड़ाकों का असली मिशन आखिरी दम तक लड़ना था, वापस लौटना नहीं। बलूच सेना ने कहा कि हमने हमेशा युद्ध और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक काम किया है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने अपने सैनिकों को बचाने के बजाय उन्हें युद्ध के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया है। पाकिस्तानी सेना अपनी सभी सैन्य और खुफिया क्षमताओं के बावजूद बंधकों को छुड़ाने में विफल रही। पाकिस्तान बोला- ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ, भारत ने आरोप खारिज किए पाकिस्तान ने इस ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ होने के आरोप लगाया था। पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दुनिया जानती है कि आतंकवाद का केंद्र कहां है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हम पाकिस्तान के किसी भी आरोप का खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म का केंद्र है। पाकिस्तान अपनी अंदरूनी समस्याओं और नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराता रहता है। इससे बेहतर होगा कि वह खुद को देखे। इससे पहले पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस ने ये दावा भी किया था कि बलूच लड़ाके हाईजैक के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद अपने सरगनाओं के संपर्क में थे, उन्हें वहां से ऑर्डर मिल रहे थे। हालांकि, अफगान सरकार ने इस दावे को नकार दिया है। बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला
जाफर एक्सप्रेस 11 मार्च की सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है
बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर एक्स्पर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान में TTP, BLA और इस्लामिक स्टेट-खोरासन (IS-K) के बीच अलायंस हो चुका है, जिससे देश में आतंकवाद बढ़ा है। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 के मुताबिक, पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बन चुका है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।