औरंगजेब कब्र विवाद के चलते नागपुर के महल इलाके में सोमवार रात 8:30 बजे हिंसा भड़क उठी। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र ढहाने को मांग मुगल बादशाह का पुतला फूंका। इसके बाद पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क किनारे खड़ी में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया गया। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में BNS की धारा 163 (IPC की धारा 144 की तरह) लागू कर दी गई है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें बनाई गई हैं। उधर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की। इसके बाद बावनकुले नागपुर के लिए रवाना हो गए। सीएम ने उन्हें घटना पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री हैं। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक हैं। वहीं, छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SP ने बताया कि जिले में SRPF की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं। हिंसा से जुड़ी 8 तस्वीरें… चश्मदीद बोले- चेहरा ढककर आए थे उपद्रवी
चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढक रखे थे। उनके हाथ में तलवार, डंडे और बोतलें थीं। अचानक से सभी ने हंगामा शुरू कर दिया। घरों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। दुकानों में तोड़-फोड़ की। इसके बाद गाड़ियों के शीशे तोड़ने लगे और उसमें आग लगा दी। मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ी
हिंसा के बाद शहर के गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा मुंबई में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मालवणी, भिंडी बाजार, कुर्ला, शिवाजी नगर-मानखुर्द और अंटॉपहिल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया गया। मुंबई पुलिस ने भी विभिन्न इलाकों के सभी धर्मों के प्रमुख लोगों से संपर्क कर किसी भी प्रकार की अफवाह पर विश्वास नहीं रखने की अपील की है। पढ़िए कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद… सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं
पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’ आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। यूपी ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन
बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक जेसीबी मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए। राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक
उधर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाले पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे। वहीं, कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा- वे नहीं चाहते कि महाराष्ट्र के लोग शांति से रहें। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि औरंगजेब 27 साल तक यहां रहे और वे राज्य के लिए कुछ नहीं कर पाए। अब उनकी कब्र हटाने के बाद क्या मिलेगा। VHP-बजरंग दल का कब्र हटाने की मांग पर प्रदर्शन
औरंगजेब की कब्र ढहाने का मांग का मामला तूल पकड़ने लगा। बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो इसका भी बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा। इस इसके बाद बजरंग दल और VHP ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की घोषणा की। VHP के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा- हम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने के साथ ही औरंगजेब का पुतला जलाएंगे। इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई। महाराष्ट्र में कई जगह सोमवार को बजरंग दल और VHP ने प्रदर्शन किया। ऐसे ही एक प्रदर्शन के बाद नागपुर में हिंसा भड़क गई। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। ——————————————————– औरंगजेब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… प्रमोद कृष्णम् बोले- कब्र तोड़ना तालिबान का काम, भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा- कब्र तोड़ना तालिबान का काम है। भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग की है। इस पर विवाद छिड़ा है। पूरी खबर पढ़ें…
चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढक रखे थे। उनके हाथ में तलवार, डंडे और बोतलें थीं। अचानक से सभी ने हंगामा शुरू कर दिया। घरों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। दुकानों में तोड़-फोड़ की। इसके बाद गाड़ियों के शीशे तोड़ने लगे और उसमें आग लगा दी। मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ी
हिंसा के बाद शहर के गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा मुंबई में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मालवणी, भिंडी बाजार, कुर्ला, शिवाजी नगर-मानखुर्द और अंटॉपहिल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया गया। मुंबई पुलिस ने भी विभिन्न इलाकों के सभी धर्मों के प्रमुख लोगों से संपर्क कर किसी भी प्रकार की अफवाह पर विश्वास नहीं रखने की अपील की है। पढ़िए कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद… सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं
पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’ आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। यूपी ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन
बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक जेसीबी मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए। राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक
उधर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाले पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे। वहीं, कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा- वे नहीं चाहते कि महाराष्ट्र के लोग शांति से रहें। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि औरंगजेब 27 साल तक यहां रहे और वे राज्य के लिए कुछ नहीं कर पाए। अब उनकी कब्र हटाने के बाद क्या मिलेगा। VHP-बजरंग दल का कब्र हटाने की मांग पर प्रदर्शन
औरंगजेब की कब्र ढहाने का मांग का मामला तूल पकड़ने लगा। बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो इसका भी बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा। इस इसके बाद बजरंग दल और VHP ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की घोषणा की। VHP के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा- हम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने के साथ ही औरंगजेब का पुतला जलाएंगे। इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई। महाराष्ट्र में कई जगह सोमवार को बजरंग दल और VHP ने प्रदर्शन किया। ऐसे ही एक प्रदर्शन के बाद नागपुर में हिंसा भड़क गई। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। ——————————————————– औरंगजेब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… प्रमोद कृष्णम् बोले- कब्र तोड़ना तालिबान का काम, भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा- कब्र तोड़ना तालिबान का काम है। भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग की है। इस पर विवाद छिड़ा है। पूरी खबर पढ़ें…